अगर वीजा नहीं मिल रहा है तो वीजा मंदिर में जाएं...

                                               


अज़ब गज़ब - यूं तो भारत के कोने कोने में मंदिर  हैं। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी मंदिर हैं जो अपने आप में अनोखे हैं, चाहे वो व्हिस्की मंदिर हो या चूहों का मंदिर। वैसे तो भक्त अपने भगवान से कभी भी कुछ भी मांग सकते हैं , लेकिन इस मंदिर में लोग सिर्फ वीजा मांगने के लिए ही जाते हैं।हैदराबाद में एक ऐसा मंदिर स्थित है जहां लोग सुख शांति की प्राथना करने के लिए नहीं ब्लकि वीजा पाने की मनोकामना लेकर जाते हैं।


हैदराबाद से 30 किमी दूर मौजूद चिलकुर बालाजी मंदिर ऐसा अनोखा मंदिर है जहां दूर दराज से लोग सिर्फ वीजा क्लियर होने की मन्नत मांगने आते हैं। उस्मान सागर लेक पर बने इस 500 साल पुराने चिलकुर मंदिर को वीजा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 


मान्यता ये है कि आज से 20 साल पहले कुछ IT और कंप्यूटर प्रोफेशनल इस मंदिर में बाला जी से वीजा लगने की मन्नत मांगने आए थे। मनन्त मांगने के एक साल के अंदर ही उन सबका वीजा क्लियर हो गया और  वो अमेरिका में जॉब करने लग गए। तब से यहां दिखाई देने वाली भक्तों की टोली में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की ही होती है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हर हफ्ते इस मंदिर में 8 से 10 हजार स्टूडेंट्स विदेश जाने की इच्छा से आते हैं।


मंदिर में मौजूद भगवान बाला जी की मूर्ति के आगे माथा टेककर भक्त मन्नत मांगते हैं और मंदिर के 11 चक्कर लगाते हैं। ऐसा माना जाता है कि मंदिर में माथा टेकने से लोगों का वीजा एक साल के अंदर लग जाता है। जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तो मान्यता के मुताबिक उनको वापस आकर मंदिर के 108 चक्कर काटने पड़ते हैं।  


इस मंदिर की खास बात तो ये है कि इस मंदिर में कोई दान नहीं चढ़ता। आप सबने मंदिरों में हर जगह दान पेटी तो जरूर देखी होगी , लेकिन वीजा मंदिर में आपको मंदिर के अंदर तो क्या बाहर भी कोई भी दान पेटी दिखाई नहीं देगी। अब आप सोच रहे होंगे कि बिना दान के इस मंदिर का रख रखाव कैसे होता होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मंदिर का खर्च और देखभाल यहां आनें वाले भक्तों से ली गई पार्किंग फीस से किया जाता है। इसके साथ ही मंदिर 5 रूपये की एक मैग्जीन भी निकालता है जो हर भक्त के लिए खरीदना जरूरी है। बात अगर प्रसाद की की जाए तो इस मंदिर में लोग भगवान को चढावे में नारियल और हवाई जहाज चढ़ाते हैँ।  


मंदिर में सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक खुलने वाले इस मंदिर में सारे भक्तों को एक समान माना जाता है। यहां आने वाला हरेक भक्त चाहे वो साधारन आदमी हो या कोई वी आई पी, सबको कतार में खड़े होकर भगवान के दर्शन करने पड़ते हैं।